उत्तरकाशी जनपद के ग्राम जखारी में अनुसूचित जाति उपयोजना का शुभारंभ

         

भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद - विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान, अल्मोड़ा के निदेशक डॉ. लक्ष्मीकान्त द्वारा उत्तरकाशी जिले के विकासखंड डुंडा स्थित ग्राम जखारी में कृषि विज्ञान केन्द्र, चिन्यालीसौड के सहयोग से चलायी जा रही अनुसूचित जाति उपयोजना का शुभारम्भ किया गया |

  


योजना का शुभारंभ करते हुए उन्होनें समस्त ग्रामवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह योजना अनुसूचित जाति के पिछड़े एवं कमजोर तबके के विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी | उन्होनें किसानों से कृषि के विकास के लिये वैज्ञानिक तौर तरीकों को अपनाने एवं बढ़ावा देने की बात कही साथ ही कृषकों के सम्मुख आ रही समस्याओं को जाना एवं उनके निराकरण हेतु सुझाव भी साझा किये | संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ शेर सिंह द्वारा कृषि में यंत्रीकरण पर जोर देते हुए कृषकों को बताया गया कि आज के इस दौर में नयी नयी वैज्ञानिक तकनीकों का कृषि कार्यों में समावेश किया जाना जरुरी है | संस्थान के ही कीट वैज्ञानिक डॉ सुबन्ना द्वारा कृषकों को कुरमुला कीट के प्रकोप एवं रोकथाम की जानकारी दी गयी | इंजीनियर श्यामनाथ द्वारा कृषकों को मिलेट थ्रेशर एवं अन्य यंत्रों के प्रयोगात्मक कार्यप्रणाली से विस्तार से अवगत कराया गया |



इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र चिन्यालीसौड के प्रभारी अधिकारी डॉ पंकज नौटियाल द्वारा समस्त कृषकों से इस योजना के सफल क्रियान्वयन एवं सहयोग की अपील की | योजना के तहत समस्त ग्राम वासियों को उन्नत प्रजाति की सब्जियों के बीज वितरित किये गए एवं अन्त्योदय एवं बी पी एल परिवारों को वी एल स्याही हल, मंडुआ थ्रेशर, प्रकाश प्रपंच, कुदाल, खुरपी, दराती, गार्डन रैक, लाईन मेकर समेत कई छोटे बड़े कृषि यंत्र दिये गये | अनुसूचित जाति के उत्थान एवं हित में पहली बार किसी योजना के ग्राम में संचालित किये जाने से पूरे ग्रामवासियों में खुशी का माहौल है और उनके द्वारा इस योजना के तहत अपने ग्राम को अंगीकृत किये जाने पर विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान, अल्मोड़ा के निदेशक, वैज्ञानिकों तथा कृषि विज्ञान केन्द्र चिन्यालीसौड का हार्दिक धन्यवाद अदा किया गया | इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र से डॉ गौरव पपनै, वरुण सुप्याल, विभिन्न विश्वविद्यालय में अध्ययनरत बी एस सी कृषि के प्रशिक्षु विद्यार्थियों समेत तकरीबन 75 से अधिक प्रगतिशील कृषक उपस्थित रहे |