स्वास्थ्य एवं पोषण लाभ के लिये बेहद महत्वपूर्ण है पोषक वाटिका : पर्वतीय समुदाय की पोषण सुरक्षा में पोषण वाटिका की भूमिका पर वेबिनार का आयोजन

         

अपनी क्यारी अपनी थाली के सपने को साकार करने के उद्देश्य से विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान (भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद) के कृषि विज्ञान केन्द्र उत्तरकाशी एवं बागेश्वर द्वारा जूम मीट के माध्यम से पर्वतीय समुदाय की “पोषण सुरक्षा में पोषण वाटिका की भूमिका” पर वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमें विशेषकर पर्वतीय समुदाय की पोषण सुरक्षा में पोषण वाटिका की भूमिका पर महत्वपूर्ण जानकारियाँ किसानों को दी गयी | विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान के यू ट्यूब चैनल पर भी कई लोगों ने इसे लाइव देखा |

कार्यक्रम की शुरुआत कृषि विज्ञान केन्द्र उत्तरकाशी के प्रभारी डॉ पंकज नौटियाल द्वारा की गयी | उन्होंने बताया कि किस प्रकार पोषण वाटिका द्वारा आहार विविधता को बढ़ावा देकर कुपोषण की समस्या को दूर किया जा सकता है | विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान, अल्मोड़ा की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रेनू जेठी द्वारा उत्तराखंड में महिलाओं की स्वास्थ्य और पोषण स्थिति पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की |

कृषि विज्ञान केन्द्र बागेश्वर के प्रभारी अधिकारी डॉ कमल कुमार पाण्डे द्वारा पोषक वाटिका का जैविक प्रबंधन करने सम्बन्धी मुद्दों पर जानकारी साझा की गयी | कृषि विज्ञान केन्द्र बागेश्वर की श्रीमती निधि सिंह ने पर्वतीय फसलों के पौष्टिक उत्पादों के बारे में बताया |


कृषि विज्ञान केन्द्र उत्तरकाशी के कृषि प्रसार विशेषज्ञ डॉ गौरव पपनै द्वारा कार्यक्रम का सफल संचालन करने के साथ ही प्रतिभागियों से पोषण संबंधी महत्वपूर्ण मुद्दों पर वार्ता की गयी | श्री नीरज जोशी द्वारा प्रेजेंटेशन एवं वीडियो क्लिप के मध्यम से बायो फोर्टीफाइड फसलों के महत्व पर अहम जानकारियाँ साझा की गयी |

कार्यक्रम में आगनवाड़ी सेविकाओं, छात्रों एवं कृषकों के साथ विस्तृत चर्चा सत्र एवं प्रश्न काल का भी आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंत में सभी आगनवाड़ी सेविकाओं को बीज किट वितरित किये गए एवं आनलाइन जुड़े प्रतिभागियों को ई-प्रमाणपत्र दिये गए | कार्यक्रम से जुड़े प्रतिभागियों द्वारा केन्द्र की इस पहल को सराहा गया एवं पुनः इस प्रकार के सत्रों का आयोजन कराने का आग्रह किया | प्रशिक्षण सत्र मे विभिन्न इलाकों में अपनी सेवाये दे रही आगनवाड़ी कार्यकत्रियाँ, विभिन्न विश्वविद्यालय में अध्ययनरत बी एस सी कृषि के विद्यार्थी, क्षेत्र के प्रगतिशील महिला कृषकों समेत 265 से अधिक प्रतिभागियों ने ऑनलाइन तथा ऑफलाइन प्रतिभाग किया |